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MADE TO ORDER,SUPPLIES AGAINST ORDER ONLY
Produces Liquid Bio Fertilizer or Pesticide, Jivamrut
Capacity: 5 M3 (Cubic Meter) & 2.5 M3 (Cubic Meter). Material: Multi-Layer Poly-Ethylene 1000 microns (100% virgin with food grade).
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गोबर खाद बनाने का 🎒बैग
जैविक खाद बनाने का संयंत्र
GOBARdhan, or Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan, is a multi-ministerial initiative by the Government of India. Its goal is to convert organic waste, such as cattle dung, agricultural residues, and biomass, into valuable resources. These resources include biogas, compressed biogas (CBG), and organic manure.
गोबर धन योजना क्या है?
गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (गोबरधन) भारत सरकार की संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर आधारित एक व्यापक पहल है। इसमें मवेशियों के गोबर/कृषि-अवशेष आदि जैसे जैविक कचरे को बायोगैस/सीबीजी/बायो सीएनजी में बदलने को बढ़ावा देने वाली योजनाओं/कार्यक्रमों/नीतियों के संपूर्ण दायरे को शामिल किया गया है।
गोबर अच्छा क्यों है?
'गोबर' गैस (बायोगैस) संयंत्र भी एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत के रूप में काम करते हैं। वे गाय के गोबर को मीथेन गैस में परिवर्तित करते हैं, जिसका उपयोग खाना पकाने और बिजली उत्पादन के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है [2]। इसके अलावा, अधिकांश गोबर को मीथेन गैस में परिवर्तित करने के बाद बचा हुआ अवशेष सर्वोत्तम जैविक खाद है।
भारत में गोबर कौन है?
भारत में, गाय का गोबर , जिसे "गोबर" के नाम से जाना जाता है, आमतौर पर ईंधन और उर्वरक के स्रोत सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। सूखे गाय के गोबर का उपयोग कई ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने और हीटिंग के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग पारंपरिक और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन स्रोत के रूप में "गाय के गोबर के केक" के रूप में भी किया जाता है।
भारत में गोबर गैस क्यों फेल हुई?
भारत में संवर्धित जीवाणु आसानी से उपलब्ध नहीं हैं । और इस प्रकार, हर कोई डाइजेस्टर में किसी भी प्रकार का बैक्टीरिया भी नहीं डालता है। गोबर गैस में H2S जैसे तत्व और नाइट्रोजन, सल्फर के ऑक्साइड थोड़ी मात्रा में होते हैं, लेकिन ये बहुत संक्षारक होते हैं। इसका मतलब है कि पाइपिंग और वाल्व आसानी से खराब हो जाते हैं।
- बहुत सारे बायोगैस संयंत्र सुचारू रूप से काम नहीं कर रहे हैं.
- इन संयंत्रों से पूरा फ़ायदा नहीं मिल पा रहा है.
- इन संयंत्रों का असर भी अच्छा नहीं पड़ता.
- गोबर गैस से ऊर्जा मिलती है, लेकिन उसकी कैलोरिफ़िक वैल्यू यानी कि उससे बहुत कम ऊर्जा मिलती है. इससे चीज़ों को गर्म होने में काफ़ी समय लगता है.
- एक घरेलू गोबर गैस संयंत्र के लिए कम से कम 5-6 मवेशियों की ज़रूरत होती है. लेकिन अब इतनी आबादी एक घर में मिलना मुश्किल है.
- ऊर्जा के सस्ते विकल्प होने के चलते रोज़ के 50 रुपये खाना बनाने के लिए कौन ही खर्च करेगा
Fertilizer Bag, Anaerobic-composting Bag, bio-degrader Bag, bio-Gas Digester, fertilizer, decomposer Bag
गाय के गोबर के कई फ़ायदे हैं:
गाय का गोबर इतना शुद्ध होता है कि वह गंदे जगह को भी पवित्र कर देता है.
गाय के गोबर में एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल, और एंटी फ़ंगल गुण होते हैं.
गाय के गोबर को जलाने से एथिलीन ऑक्साइड, प्रोपलीन ऑक्साइड, और दूसरे तत्व निकलते हैं. ये तत्व हवा को शुद्ध करते हैं और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते हैं.
गाय के गोबर में विटामिन बी-12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
गाय के गोबर के कंडे से धुआं करने पर कीड़े और मच्छर भाग जाते हैं.
गाय के गोबर के कंडे से हवन करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
गाय के गोबर के कंडे से हवन करने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मकता नष्ट होती है.
गाय के गोबर में 86 प्रतिशत तक द्रव पाया जाता है. इसमें खनिजों की भी मात्रा कम नहीं होती. इसमें फास्फ़ोरस, नाइट्रोजन, चूना, पोटाश, मैंगनीज़, लोहा, सिलिकन, ऐल्यूमिनियम, गंधक आदि कुछ अधिक मात्रा में विद्यमान रहते हैं.
गाय के गोबर का इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता है:
धान बनाने के लिए
ईंधन के लिए
घर बनाने के लिए
पूजन या हवन जैसा कोई धार्मिक कार्य करने पर उस जगह को गाय के गोबर से लिपा जाता है
गाय के गोबर के कंडे से रोटी और बाटी को सेंका जा सकता है.
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गाय का गोबर होता है कमाल, अशुभ भी हो जाता है शुभ
- गाय के गोबर से होते हैं कई चमतकार, जानें धार्मिक लिहाज से कैसे करना चाहिए इसका प्रयोग।
हिंदू धर्म में गाय को देवी देवता के तुल्य माना जाता है। धार्मिक शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि गाय के अलग-अलग अंग में अलग-अलग देवी देवता निवास करते हैं। मगर सबसे ज्यादा हिंदू धर्म को मानने वाले गाय के गोबर का इस्तेमाल करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि गाय का गोबर बहुत ज्यादा शुभ होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है। इतना ही नहीं, गाय के गोबर का महत्व क्या होता है, इस पर हमने ज्योतिषाचार्य एवं पंडित विनोद सोनी जी से बात की तो उन्होंने बताया, 'गाय के गोबर में धन लक्ष्मी का वास होता है। यदि आप गोबर का इस्तेमाल किसी भी कार्य में करते हैं, तो आपको उसके शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।'
गाय के गोबर का धार्मिक महत्व
- हिंदू धर्म में गाय के गोबर को पवित्र माना गया है। आयुर्वेद में चिकित्सा के लिए भी गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं धार्मिक लिहाज से देखा जाए तो गाय के गोबर में सकारात्मक ऊर्जा होती है। इसलिए इसका प्रयोग पूजा पाठ के दौरान भी किया जाता है।
- दिवाली के दूसरे दिन पड़ने वाली परेवा पर गोवर्धन पूजा होती है। इस पूजा में गोबर से ही गोवर्धन बनाए जाते हैं और उनकी पूजा की जाती है।
- इतना ही नहीं, जिस स्थान को गोबर से लीप दिया जाता है, वह शुद्ध हो जाता है और वहां कोई भी शुभ काम किया जा सकता है।
घर को गोबर से लीपने का महत्व
- प्राचीन समय में गोबर से घर लीपने को बहुत ही शुभ माना जाता था। आज भी इसे शुभ माना जाता है। दरअसल, गाय के गोबर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। इस लिए महिलाएं घर के मुख्य द्वार पर गोबर से आर्ट बनाती हैं या फिर पूरी दीवार को ही गोबर से लीप देती हैं।
- कई घरों में आज भी दीवार पर गोबर से चौक बना कर उसकी पूजा की जाती है। वहीं गांव-देहातों में गोबर से दीवार, छत और जमीन भी लीपी जाती है।
- शहरों में कई लोग अपने मुख्य द्वार के दोनों ओर थोड़ा सा गोबर लगा कर उस पर कलावा चिपका देते हैं, यह भी एक शुभ चिन्ह माना गया है।
गोबर के कंडे से हवन के लाभ
- घर में धन की कमी हो या फिर आर्थिक संकट से परिवार जूझ रहा हो। गोबर के कंडे जलाने मात्र से आपको समस्या का समाधान नजर आने लग जाएगा।
- गोबर के कंडे से हवन करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इतना ही नहीं, ऐसा करने से आपको श्री हरी विष्णु भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
- गोबर के कंडे से हवन करने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मकता नष्ट होती है।
गाय के गोबर का वास्तु
- वास्तु के हिसाब से शुक्रवार के दिन गाय के गोबर को घर लाने से आर्थिक समस्याएं हल होती हैं।
- यदि घर में कोई बीमार है, तो रोज सुबह पूजा करने के बाद गाय के गोबर के कंडों से अग्यारी करें। इससे रोगी की सेहत को लाभ पहुंचता है।
- वास्तु के हिसाब से घर के मुख्य द्वार की दीवार या फिर फर्श को गोबर से लीपने पर देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।